Saturday 11 March 2017

”आओ नए कलाम लिखें”


जैसे देश के एक कोने के कलाम देश का इतिहास बदल सकते हैं तो जरा सोचिए यदि हम शिक्षक देश के कोने-कोने में कलाम बना दे तो देश फिर से विश्वगुरू हो जाएगा...

”आओ नए कलाम लिखें”

आओ नए कलाम लिखें, कुछ जिद लिखें कुछ जूनून लिखें,
मालवा का सुर्ख सवेरा, निमाड की गोधुली शाम लिखें।
कुछ भूगोल कुछ खगोल कुछ विज्ञान का ज्ञान लिखें,
दे जाएं जो दुनिया को ताकत, कुछ ऐसे इंसान लिखें।

कैसे हो भविष्य के कलाम -
प्रखरता आदित्य जैसी, घोर तिमिर में भोर लिखें,
जिएं तो सबक के लिए, जाएं तो प्रणाम लिखें,
सच्चाई की नई ईबादत और अग्नि की नई उडान लिखें।
आओ नए कलाम लिखें, कुछ जिद...

सदभावना के लिए-
तुम गंगाजल भर कर लाओ, आबेजमजम मैं देता हूं,
दोनों को मिला कर फिर से नया इंकलाब लिखें,
मंदिर का घडियाल बदल दें, मस्जिद की नई अजान लिखें।
दे जाए भारत को ताकत कुछ ऐसे इंसान लिखें

देश की अखंडता के नाम-
तुम कश्मीर की स्याही लाओ, कलम तमिल की मैं देता हूं,
अरुणाचल से थार-कच्छ तक, भारत का नया स्वाभिमान लिखें,
याद आए जो युगों—युगों तक ऐसे कुछ इंसान लिखें।
आओ नए कलाम लिखें, कुछ जिद...

...और अंत में एक निवेदन-
गांव से, शहर से,
गली से, नुक्कड से,
स्कूल से या काॅलेज से 
प्रतिभाओं को निखार कर उनका उत्थान करें,
आओ साथियों फिर से नए कलाम लिखे
कुछ जिद कुछ जुनून कुछ जलाल लिखे...
जय हिन्द
                                                                                                         सचिन... 9826091791



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